ध्यान दें :- यह चलचित्र हमें एक छात्रा द्वारा भेजे गए हैं, कुछ सुरक्षा कारणों से हम छात्रा का नाम यहाँ नहीं बात सकते हैं, आयें जानते हैं क्या है यह पूरी घटनाक्रम।
![](https://1.bp.blogspot.com/-iBddFmBsm90/XxgI7cHaWEI/AAAAAAAAAao/J-YCoRk2hTs0ZuuzTJlrLXIlY8mFNQVGQCLcBGAsYHQ/s320/photo_2020-07-22_15-06-28.jpg)
प्रथम चलचित्र मे शिक्षिका का विधार्थी है जो चयन हुआ उसकी परफॉरमेंस रिकार्ड करके भेजी गई है जो इस प्रकार है :-
नीचे दिए गए चलचित्र में वह शिक्षिका मूल्यांकन करते हुए दिखाई दे रही है:-
नीचे दिए जा रहे चल चित्र में वह शिक्षिका सहयोगी जूरी सदस्य से वर्तालाप कर रही है अपने विद्यार्थियों के चयन के बारे में।
छात्रा ने बताया कि इन शिक्षिका के बारे मे की वर्षों से अन्य शिक्षिकों से मिल कर अपने बच्चों के चयन के बारे मे बाते उठीं हैं । यही नहीं छात्रा ने बताया कि यह शिक्षिका परटेक वर्ष जिला जूरी कॉमेटी की अध्ययक्ष बनती आई है जिसमे तब से ही अपनी पाठशाला के छात्र वं छात्राओं को चयन करके राज्यस्तर पर लाती है, जिसमे छात्रा ने बताया कि इस संदर्भ मे शिक्षिका की शिकायत के पश्चात जिला शिक्षा अधिकारी गुरदासपुर ने इन्हें जूरी से निकाल दिया था, तथा शिक्षिका ने आदेशों की अवज्ञा करते हुए चयनित जूरी को कार्य नहीं करने दिया और पुनः अपनी इच्छा अनुसार अपने छात्रों छात्राओं को चयन किया और राज्यस्तर पर अपना नाम जूरी मे लिखवा लिया कर पटियाला मे जूरी मे उपस्थित थी।
हुमने छात्रा की बताई बात पर जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती राकेश बाला से इस संदर्भ मे बात करके इसकी पुष्टि की है कि उपरोक्त जानकारी सत्य है जिसमे उन्होंने 3 योगचार्यों का चयन किया था जिसमे उपरोक्त शिक्षिका को जूरी से निकाला गया था क्योंकि उनके पास कोई योग भी डिग्री नहीं थी। अतः छात्रा की इस शिकायत को हम प्रदान किए गए तथ्यों के साथ प्रकाशित कर रहे हैं।
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